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शब्दों का सार || word meaning changes with time || lets read in poetry || short poetry

 With the change of Time words meaning also change so this short poet with one-liner indicate the selected words whose meaning make you think again your view .

शब्दों का सार



"ईश्वर"
प्रश्न यह नही है कि हम  कितने ईश्वर को मानते हैं,
पर प्रश्न यह है कि हम कितना ईश्वर को जानते हैं,
मुझे यक़ीन हैं कि कोई ईश्वर नफ़रत  और बांटना  तो नहीं सिखाता होगा।

"धर्म और राजनीति"
पहले धर्म के बचाव के लिए राजनीति को बीच में लाना जरूरी था ,
और आज राजनीति करने के लिए  धर्म को !

"बातें"
जब छोटे होते थे तो बातें लंबी और ऊंची ऊंची करते थे,
और आज बाते छोटी परन्तु गहरी,
शुक्र है हम बातें करना नही भूले!

"दर्द"
वो भी क्या दिन थे जब छोटी सी चोट पर हम दुनिया सर पर उठा लेते थे,
और आज बड़े बड़े दर्दों को आँखो में ही समेट कर ,
कैसे उसी दुनिया के लिए मुस्कुरा देते हैं

"आग और तूफ़ान"
जंगल की आग को बारिश से बुझाया जा सकता!
पर मन की आग का क्या ,
बड़े बड़े तूफ़ान पहाड़ो से टकराकर शान्त हो जाते हैं,
पर मन में विचारों के तूफ़ान का क्या!

"विचारधारा"
दो इँसानो में जो मेल और भेद कराए वो हैं विचारधारा,
बाकी धन- दौलत, धर्म, जात-पात तो सब मिथ्या हैं!

"नफ़रत"
प्रेम की जड़े उतनी गहरी नही होती होती,
 जितनी नफरत की जड़ें गहरी होती है!
तभी तो नफरत की बाते सरेआम की जाती हैं
तो प्रेम छुप कर!!

"ज्ञान"
किताबों की तो सब दुकाने खोल के  बैठे हैं,
सोचते है पहले सब बिक जाएं तो ,
फिर फ़ुर्सत से पढ़ेंगे इन्हें खोल कर!!

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