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आखिर है क्या ये प्रेम || WHAT IS LOVE SHORT POEM IN HINDI ||

Read most beautiful poem on what is love .

आखिर है क्या ये प्रेम || WHAT IS LOVE SHORT POEM IN HINDI  ||

 
आखिर है क्या ये प्रेम,

जो  दो दिलो में पनपता है,

फूलता फलता हैं, बर्षो चलता है,

 फिर ख़तम हो जाता हैं


क्या प्रेम कभी समाप्त हो जाता हैं.

जब कोई ऐसा कहता है,

 कि अब वो प्रेम नही रहा,

मैं अचम्भित हो जाती हूं,

क्या सचमुच प्रेम कभी खत्म हो सकता हैं,


आश्चर्य है कि जिस प्रेम में,

हम कभी ताउम्र तक साथ निभाने  से स्वप्न देखते है,

वो महज कुछ गलतफहमियां,

या कहूं कि कुछ झटके में,

जैसे पतझड़ में पेड़ों से पते गिरते हैं,

वैसे प्रेम ख़तम हो जाता हैं,


मैं नही मानती की प्रेम कभी ,

ख़तम हो जाता हैं, या हो  सकता है,
 

क्या पेड़ से पत्ते गिरने के बाद,

 क्या वो पत्ते नही रहते,

या नही रहते वो किसी शाखा का अंश,

पेड़ की उस शाखा पर क्या कोई ,

नया पत्ता नही उगता ?

क्या वह  पेड़ पेड नही रहता ?

या वो पत्ता पत्ता नही रहता?

जो नही रहता वो है जुड़ाव,

पेड़ का पत्ते से !!

फिर हम क्यों कहते हैं कि प्रेम नही रहा,


प्रेम शायद रहता है,

पर नही रहता वह हैं जुड़ाव,

नही रहता वह हैं आकर्षण,

जो बढ़ जाती हैं वो है नफ़रतें,

बढ़ जाती है वो हैं दूरियां,

प्रेम तो रहता हैं पर,

भूल जाते हैं हम जताना!!








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